गुरुवार, 4 नवंबर 2010

मनुष्य को चाहिए की वह दुसरो को अपमानित करने की प्रवृति , मित्र के प्रति धोखाधड़ी करने के विचार, दुष्ट एवं नीच व्यक्ति की सेवा या संगति, अभिमान एवं दुसरो के मर्म पर चोट पहुचानेवाली कटु वाणी का हमेशा त्याग कर देवें ! ( विदुर नीति

1 टिप्पणी:

  1. जिस प्रकार खीरे के मुख को काट कर उसकी कड़वाहट दूर करने के लिए नमक लगाकर मल्ला जाता है ! कडवा और कटु बोलने वालो को भी इसी प्रकार की सजा देना चाहिए ! ( रहीम )

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